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दिव्यांगजन
छात्रवृत्ति योजना
दिव्यांग बच्चों की शिक्षा में सहयोग हेतु छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा यह योजना चलाई जा रही है । छत्तीसगढ़ सरकार सम्पूर्ण प्रदेश के विकास को ध्यान में रखकर विभिन्न योजनाएँ लाती है जिसमें से एक म्हत्वपूर्ण क्षेत्र है दिव्यांग बच्चों की शिक्षा दीक्षा …
इसी उद्देश्य की पूर्ति हेतु छत्तीसगढ़ सरकार की एक योजना है दिव्यांगजन छात्रवृत्ति योजना , ताकि प्रदेश के दिव्यांग बच्चे भी समुचित शिक्षा प्राप्त कर सकें और अपने जीवन को उन्नत कर सकें।
दिव्याङ्ग बच्चों को साधारणतया अपर्याप्त संसाधनों से जूझना पड़ता है , कई तरह की हीनभावना भी उनके मन में घर कर जाती है और वे स्वयं को सामान्य बच्चों की तरह अनुभव नहीं कर पाते ।
कम संसाधनों के कारण यदि वे शिक्षा में पिछड़ जाएँ या अशिक्षित ही रह जाएँ तो परिवेश से अधिक समाज और सरकार उत्तरदायी होते हैं । अतः आवश्यक है कि सरकार स्वयं इस तरह के चुनौती पूर्ण क्षेत्रों में पहल करे और समाज को आगे ले जाए ।
इसी क्रम में छत्तीसगढ़ सरकार की यह योजना जिसे दिव्यांगजन छात्रवृत्ति योजना कहा जाता है यह प्रदेश में सुचारु रूप से क्रियान्वित है । अब आवश्यकता इस बात की है कि लोगों में इसकी पर्याप्त जागरूकता हो और वे स्वयं या समाज के अन्य दिव्यांग बच्चे तक इसकी जानकारी पहुंचाएँ ।
राज्य के विकलांग छात्रों को शिक्षा प्राप्त करने में सहयोग प्रदान करना है। इस दिव्यांग छात्रवृत्ति योजना के तहत आवेदक स्कूल / कॉलेज या किसी टेक्निकल कोर्स में नियमित रूप से पढ़ाई कर रहा हो और साथ ही वह कम से कम 40% दिव्यांग होना चाहिए तभी वह इस योजना के लिए पात्र है।
सरकार और दिव्यांगजन
भारत सरकार ने दिव्यांग जनों के अधिकारों को प्रभावी बनाकर उन्हें विकास की मुख्यधारा से जोड़ने हेतु 28 दिसंबर 2016 को एक नया अधिनियम पारित किया जिसे “दिव्यांग जन अधिकार अधिनियम 2016 ” कहा जाता है । यह अधिनियम 19 अप्रैल 2017 से लागू किया गया ।
दिव्यांग जनों की शिक्षा , रोजगार ,स्वस्थ और बाधारहित वातावरण के निर्माण ,सामाजिक सुरक्षा आदि को ध्यान में रखते हुए निःशक्त व्यक्ति अधिनियम 1995 (समान अवसर , अधिकार संरक्षण और पूर्ण भागीदारी ) लाया गया था । इसके स्थान पर ही वर्तमान का ” दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 ” लागू है ।
दिव्यांगजन छात्रवृत्ति योजना के लिए पात्रता :
- दिव्यांग जन छत्तीसगढ़ का मूल निवासी हो।
- शारीरिक दिव्यांगता 40 प्रतिशत या उससे अधिक हो।
- दिव्यांग जनशाला/ महाविद्यालय/तकनीकी शाला का नियमित छात्र हो।
दिव्यांगजन छात्रवृत्ति योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया :
- सबसे पहले छत्तीसगढ़ समाज कल्याण विभाग की आधिकारिक वेबसाइट https://sw.cg.gov.in/ पर जाएं।
- इस पेज पर “सेवाएं” सेक्शन के अंतर्गत “कार्यक्रम और योजनाएं” लिंक पर जाकर “निःशक्त कल्याण” लिंक पर जाएं और फिर “निःशक्तजन छात्रवृत्ति योजना” लिंक पर क्लिक करें।
दिव्यांगजन छात्रवृत्ति योजना से प्राप्त होने वाले लाभ :
कक्षा पहली से कक्षा 5 वीं तक 150 रूपये की छात्रवृत्ति
कक्षा 6 वीं से कक्षा 8 वीं तक 170 रूपये की छात्रवृत्ति
कक्षा 9 वीं से कक्षा 12 वीं तक 190 रूपये की छात्रवृत्ति
दिव्यांगजन छात्रवृत्ति योजना हेतु आवेदन की प्रक्रिया :-
https://sw.cg.gov.in/sites/default/files/divyangscholarshipscheme.pdf के पेज 12 से संबन्धित फ़ॉर्म डाऊनलोड कर लें
निर्धारित प्रारूप में संस्था प्रमुख के माध्यम से आवेदन जिला कार्यालय, पंचायत एवं समाज कल्याण/जनपद पंचायत कार्यालय को प्रस्तुत करना होगा।
दिव्यांगजन छात्रवृत्ति योजना हेतु चयन प्रक्रिया :-
जिला कार्यालय, पंचायत एवं समाज कल्याण/जनपद पंचायत को स्वीकृति/अस्वीकृति के अधिकार।
दिव्यांग जन छात्रवृत्ति योजना से संबन्धित अधिक जानकारी के लिए
https://sw.cg.gov.in/disabilities-scholarship-scheme पर अध्ययन करें ।
दिव्यांगजन छात्रवृत्ति योजना एक परिकल्पना है । जिसका लक्ष्य है एक समावेशी समाज का निर्माण करना जिसमें दिव्यांगों के विकास और विकास के लिए समान अवसर प्रदान किए जाते हैं ताकि वे उत्पादक, सुरक्षित और सम्मानजनक जीवन जी सकें।
यह योजना दिव्यांगजनों को विभिन्न अधिनियमों / संस्थानों / संगठनों और योजनाओं के माध्यम से सशक्त बनाने हेतु प्रयासरत है । दिव्यांगजनों के पुनर्वास के लिए एवं एक स्वस्थ सक्षम वातावरण बनाने के लिए यह योजना अग्रसर है जो निःशक्त व्यक्तियों को समान अवसर एवं उनके अधिकारों को सुरक्षा प्रदान करता है जिससे वे समाज में स्वतंत्र और उत्पादक सदस्यों के रूप में भाग लेने में सक्षम हो सकें।
सरकार निम्न बिन्दुओं के लिए प्रयासरत है :
- समावेशी शिक्षा को बढ़ावा देने हेतु सभी शासकीय , अशासकीय एवं शासन से मान्यता प्राप्त शैक्षणिक संस्थाओं को बिना किसी भेदभाव के दिव्यांगजनों को प्रवेश दिया जाएगा । 5% सीटें उनके लिए आरक्षित होंगी ।
- छह से अठारह वर्ष तक की आयु के दिव्यांग को निःशुल्क शिक्षा उपलब्ध कराई जाएगी ।
- उच्चतर शैक्षणिक संस्थाओं में प्रवेश के समय दिव्यांगजनों को ऊपरी आयु में 5 वर्ष की छूट दी जाएगी ।
- उच्च शिक्षा हेतु ब्याज की कम दर पर ऋण उपलब्ध कराया जाएगा ।
- दिव्यांगजनों को उनकी आवश्यकता अनुरूप (सुविधा , सहायक उपकरण , लेखक सुविधा , द्वितीय तृतीय भाषा विषयों से मुक्ति ,परीक्षा प्रणाली में उचित संशोधन , ब्रेल लिपि का उपयोग,वैकल्पिक प्रणाली का उपयोग ,विशेष कम्प्युटर एवं पुस्तक अनुभाग , ब्रेल में पुस्तकें और ऑडियो – विडियो,ई – पुस्तकें )सभी स्तर पर सहयोग किया जाएगा ।
- राजय के विश्वविद्यालयों में दिव्यांगता अध्ययन केंद्र की स्थापना की जाएगी एवं दिव्यांगता संबंधी विषयों में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम प्रारम्भ किए जाएंगे ।
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