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निःशक्तजन विवाह प्रोत्साहन योजना
निःशक्तजन विवाह प्रोत्साहन योजना छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा लाई गई योजना है जो निःशक्तजनों के सामाजिक पुनर्वसन की दृष्टि से अत्यंत लाभकारी है । निःशक्तजन विवाह प्रोत्साहन योजना के तहत विवाह हेतु सरकार आर्थिक सहयोग उपलब्ध कराती है ।
निःशक्तजनों के जीवन को सरल बनाने के लिए उनके विवाह में सहयोग स्वरूप धनराशि दी जाती है ताकि वे भी आम नागरिकों की तरह जीवन बसर कर सकें ।
कभी कभी विकलांगता ही अविवाहित रहने का कारण बन जाती है जिसके फलस्वरूप निःशक्त व्यक्ति स्वयं को अलग थलग और बेबस समझने लगता है। यदि आर्थिक विपन्नता हो तो विवाह और भी अधिक जटिल समस्या बन जाती है ।
इन्हीं पहलुओं को समझते हुए सरकार निःशक्तजन विवाह प्रोत्साहन योजना क्रियान्वित कर रही है ।
पहले प्रोत्साहन राशि प्रति जोड़ा 21 हजार रुपए दी जाती थी। जिसमें अभिवृद्धि करके वर्तमान में नि:शक्त दंपत्ति में,
एक व्यक्ति के नि:शक्त होने पर 50,000/- रुपये मात्र(एकमुश्त) तथा दोनों के नि:शक्त होने पर 1,00,000/- रुपये मात्र(एकमुश्त) कर दी गई है ।
विवाह के बाद वे अपनी गृहस्थी को अच्छी तरह व्यवस्थित कर सके इस उद्देश्य से प्रोत्साहन राशि में बढ़ोतरी की गई है।
दिव्यांगों के सामाजिक पुनर्वास और उन्हें स्वावलंबी बनाने के लिए वर्ष 2005-06 से संचालित निशक्तजन विवाह प्रोत्साहन योजना में 18 वर्ष से 45 वर्ष की निशक्त महिलाओं और 21 वर्ष से 45 वर्ष के निशक्त पुरुष को शामिल किया गया है।
निःशक्तजन विवाह प्रोत्साहन योजना हेतु हितग्राहियों की पात्रता:-
- निःशक्त दंपत्ति में से कोई एक निःशक्त व्यक्ति छत्तीसगढ़ का मूल निवासी हो।
- निःशक्त व्यक्ति अधिनियम 1995 की धारा 2 के अनुसार दोनों निःशक्त हों या एक व्यक्ति की निःशक्तता 40% या उससे अधिक हो ।
- निःशक्त दंपत्ति में पुरुष का प्रथम विवाह हो ।
- युवक की आयु 21 वर्ष से कम तथा 45 वर्ष से अधिक न हो।
- युवती की आयु 18 वर्ष से कम तथा 45 वर्ष से अधिक न हो।
- दंपत्ति का विवाह प्रचलित सामाजिक रीति रिवाज के अनुसार हुआ हो या कानूनी विवाह हो ।
- दंपत्ति में से कोई भी सदस्य आयकरदाता की श्रेणी में न हो ।
निःशक्तजन विवाह प्रोत्साहन योजना प्रोत्साहन राशि हेतु शर्तें :
- प्रोत्साहन राशि हेतु आवेदन पत्र विवाह के छह माह के भीतर देना अनिवार्य होगा ।
- राशि दंपत्ति के दोनों व्यक्तियों को संयुक्त रूप से देय होगी ।
- यदि दंपत्ति का विवाह-संबंध बिना किसी न्याय संगत कारण के पाँच वर्ष के पूर्व टूट जाते हैं तो प्रोत्साहन राशि भू – राजस्व की भाँति वसूल ली जाएगी ।
- एक व्यक्ति के नि:शक्त होने पर 50,000/- रुपये मात्र(एकमुश्त) तथा दोनों के नि:शक्त होने पर 1,00,000/- रुपये मात्र(एकमुश्त) दी जाएगी ।
- प्रोत्साहन राशि जीवन काल में एक बार ही देय होगी ।
निःशक्तजन विवाह प्रोत्साहन योजना की आवेदन प्रक्रिया :
- आवेदन जिला के संयुक्त संचालक/उप संचालक, पंचायत एवं समाज कल्याण को प्रस्तुत करना होगा ।
- निःशक्त व्यक्ति को सक्षम चिकित्सा मण्डल द्वारा जारी निःशक्तता प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा ।
- निःशक्त दंपत्ति द्वारा विभागीय वैबसाइट में निःशक्त पंजीयन की पावती प्रस्तुत करना होगा । अक्षमता की स्थिति में विभागीय अधिकारी यह कार्य करेगा ।
- विवाह प्रमाणीकरण हेतु वैवाहिक पत्रिका या
सांसद/विधायक/अध्यक्ष अथवा
सदस्य जिला पंचायत /अध्यक्ष अथवा
सदस्य जनपद पंचायत /सरपंच/राजपत्रित अधिकारी /सभासद/अध्यक्ष/पार्षद
5.नगरीय निकाय द्वारा प्रमाणित दस्तावेज़ अथवा सामाजिक संगठनों का प्रमाण पत्र अथवा कानूनी विवाह संबंधी दस्तावेज़ प्रस्तुत करना होगा ।
6. दंपत्ति में से पुरुष को अपने प्रथम विवाह होने संबंधी दस रू का स्टाम्प पत्र (न्यायिक ) पर हस्ताक्षरित शपथ पत्र प्रस्तुत करना होगा ।
7. दंपत्ति को संयुक्त रूप से परिशिष्ट-2 के प्रपत्र में 50 रू के स्टाम्प पत्र (न्यायिक) पर हस्ताक्षरित शपथ पत्र प्रस्तुत करना होगा ।
8. नवविवाहित दंपत्ति का नवीनतम फोटोग्राफ किसी भी पदाधिकारी द्वारा प्रमाणित कराकर देना होगा।
निःशक्तजन विवाह प्रोत्साहन योजना के लिए आवेदन पत्र नीचे दिये गए लिंक से डाऊनलोड करें
https://sw.cg.gov.in/sites/default/files/vivahdoc.pdf
सरकार की योजनाओं का लाभ इच्छुक जनों तक पहुँचने में ही उन योजनाओं की सफलता है । यदि पात्र लोगों तक इन योजनाओं की जानकारी किसी कारणवश नहीं पहुँच पाई हो तो आम जन इन योजनाओं के बाबत जानकारी प्रसारित करें क्योंकि ऐसा करना सरकार की मदद के साथ साथ मानवता की मदद भी है ।